मेरी शादी भी नहीं हुई हे

मेरी शादी भी नहीं हुई हे

दरगाह के बाहर बैठा फ़कीर
अल्हा के नाम पे कुछ देदे बेटा, अल्हा तुम्हारी जोड़ी सलामत रखे"
लड़का- अरे बाबा अभी तो मेरी शादी भी नहीं हुई हे....
फ़कीर- बेटा मैं तुम्हारे जूते की जोड़ी की बात कर रहा था...