एक आदमी की कार पार्किंग से चोरी हो गयी
एक आदमी की कार पार्किंग से चोरी हो गयी। दो
दिन बाद देखा तो कार वापस उसी जगह पार्किंग में
ही खड़ी थी।
.
अंदर एक लिफाफा था उसमे एक माफीनामा था
"माँ की तबियत अचानक बिगड़ जाने से रातों रात
बड़े अस्पताल लेकर जाना आवश्यक था।
,
लेकिन इतनी
रात में और छुट्टियों के सीजन में गाडी मिली नहीं
इसी वजह से आपकी गाड़ी को उपयोग में लेना पड़ा।
.
आपको तकलीफ देने क लिये खेद है....गाडी में
जितना पेट्रोल था उतना ही है।
,
आपको गाड़ी की
मदत के एवज में कल रात "गब्बर इज बैक"
सिनेमा की
टिकेट्स आपके परिवार के लिए कार में रखें हैं।
,
मुझे बड़े
दिल के साथ माफ़ करिये ......
ये विनती है आपसे”…..
चिट्ठी में स्टोरी ओरिजिनल
लगने से और गाड़ी
जैसी की तैसी वापस सही सलामत
मिलने से परिवार
शांत हो गया
और दूसरे दिन "गब्बर इज बैक" देखने चला
गया।
.
फिल्म देखकर रात को वापस लौटा तो घर का
दरवाजा टूटा हुआ था। अंदर जाकर देखा तो सब
कीमती सामान गायब था।
.
बाहर टेबल में एक
लिफाफा था "फ़िल्म पसंद आयी की नहीं??....
बाय द वे, गब्बर इज बैक.....
दिन बाद देखा तो कार वापस उसी जगह पार्किंग में
ही खड़ी थी।
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अंदर एक लिफाफा था उसमे एक माफीनामा था
"माँ की तबियत अचानक बिगड़ जाने से रातों रात
बड़े अस्पताल लेकर जाना आवश्यक था।
,
लेकिन इतनी
रात में और छुट्टियों के सीजन में गाडी मिली नहीं
इसी वजह से आपकी गाड़ी को उपयोग में लेना पड़ा।
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आपको तकलीफ देने क लिये खेद है....गाडी में
जितना पेट्रोल था उतना ही है।
,
आपको गाड़ी की
मदत के एवज में कल रात "गब्बर इज बैक"
सिनेमा की
टिकेट्स आपके परिवार के लिए कार में रखें हैं।
,
मुझे बड़े
दिल के साथ माफ़ करिये ......
ये विनती है आपसे”…..
चिट्ठी में स्टोरी ओरिजिनल
लगने से और गाड़ी
जैसी की तैसी वापस सही सलामत
मिलने से परिवार
शांत हो गया
और दूसरे दिन "गब्बर इज बैक" देखने चला
गया।
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फिल्म देखकर रात को वापस लौटा तो घर का
दरवाजा टूटा हुआ था। अंदर जाकर देखा तो सब
कीमती सामान गायब था।
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बाहर टेबल में एक
लिफाफा था "फ़िल्म पसंद आयी की नहीं??....
बाय द वे, गब्बर इज बैक.....