रजनीकांत और kattapaa की मुलाकात हो जाती है

रजनीकांत और kattapaa की मुलाकात हो जाती है

रजनीकांत और kattapaa की मुलाकात हो जाती है —
रजनीकांत ~ मेरे गाँव में लाइट नहीं थी, मैं अगरबत्ती जलाकर उसकी रौशनी में पढ़ता था ।
Kattapaa ~ हमारे गाँव में तो बिजली भी नहीं थी और हमारे पास अगरबत्ती के पैसे भी नहीं थे, फिर भी मैं पढ़ा ।:)
रजनीकांत~ कैसे ?
Kattapaa~ मेरा एक दोस्त था प्रकाश, उसे पास बिठा कर पढता था। एक दिन प्रकाश भीग गया वो नहीं आया फिर भी मैं पढ़ा ।
रजनीकांत ~ कैसे?
Kattapaa~ गाँव में ज्योति नाम की लड़की भी तो थी । उसके पास बैठ कर।
रजनीकांत बेहोश।